उदयपुर न्यूज़ :- कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के मामले में राजस्थान
पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हत्या की साजिश में शामिल दो
और आरोपियों- मोहसिन और आसिफ को कोर्ट में पेश किया गया। तीन अन्य
आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस
हत्याकांड में आर्म्स एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। शुक्रवार को
जब मोहसिन और आसिफ अदालत ले जाए जा रहे थे, तब वकीलों ने नारेबाजी की। जैसे
ही मोहसिन और आसिफ को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया, वकीलों का गुस्सा
भड़क गया। कुछ वकील गुस्से में दोनों को ललकारने लगे। पुलिस ने पहले से ही
कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हुए थे। कुछ वकीलों ने दोनों के
पास जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। पुलिस जल्द से निकालकर
दोनों को कोर्ट के अंदर ले गई। इस दौरान कोर्ट परिसर में जमकर नारेबाजी
होती रही। भीड़ की तरफ से 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' से लेकर 'मां का
दूध पिया है तो...' जैसे नारे लगते रहे।
उदयपुर में कैमरे पर दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले में दो और आरोपियों मोहसिन और आसिफ को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को उन्हें जब कोर्ट में पेश किया गया तो वकीलों ने नारेबाजी की।
हाइलाइट्स
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मामले में दो आरोपियों की कोर्ट में पेशी मोहसिन और आसिफ की पेशी के दौरान वकीलों ने जमकर की नारेबाजी भारत माता की जय से लेकर 'मां का दूध पिया है तो...' के लगाए गए नारे मुख्य आरोपियों- गौस मोहम्मद और रियाज को 14 दिन की जुडिशल कस्टडी
राजस्थान के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने गुरुवार को इन दोनों को अरेस्ट किया। आरोपी मोहसिन और आसिफ को आईपीसी की धारा 120बी, 307, 326 के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि वे पूरे अपराध के पीछे साजिश और तैयारी में शामिल थे। तीन अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इंजरी रिपोर्ट मिलने के बाद SIT ने धाराओं में भी बढ़ोतरी की है। इसमें हथियार मिलने के बाद मामले में आर्म्स एक्ट, षड्यंत्रकर्ताओं के नाम सामने आने के बाद धारा 120B भी जोड़ी गई, धारा 307, 326 को भी एफआईआर में जोड़ा गया है।
कन्हैया लाल के हत्यारे पहले ही अरेस्ट
पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन करने के लिए 28 जून को दर्जी कन्हैया लाल की उनकी दुकान में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारों, गौस मोहम्मद और रियाज ने हत्या का एक वीडियो अपलोड किया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उदयपुर जिला अदालत ने गुरुवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गौस मोहम्मद और रियाज को उदयपुर से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। एसआईटी शुक्रवार को दोनों आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार से पूछताछ करेगी।
राजस्थान में शुक्रवार को चौथे दिन भी इंटरनेट बंद रहा। हिंसा को रोकने के लिए धारा 144 भी लगा दी गई है। इस नृशंस हत्या के विरोध में शुक्रवार को सीकर, दौसा और बाड़मेर समेत कई शहरों में बंद का ऐलान किया गया है।
कन्हैया के घर में घुसकर हत्या की प्लानिंग में थे हमलावर
जांच में सामने आए इस खुलासे के बाद साफ हो जाता है कि दोनों ही हमलावर गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज लगातार कन्हैया लाल की हत्या को लेकर प्लानिंग कर रहे थे। हालांकि, सोशल मीडिया पोस्ट पर धमकी मिलने के बाद कन्हैया लाल ने कुछ दिनों के लिए अपनी दुकान बंद रखी थी। इसी दौरान आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी योजना घर में घुसकर हमले की थी लेकिन घर का पता नहीं मिलने से वो सफल नहीं हो सके। यही नहीं आरोपियों ने कन्हैया लाल के दुकान की रेकी भी की थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों को कन्हैया लाल पर उनकी दुकान में हमला करना आसान होगा, इसलिए उन्होंने अपनी प्लानिंग को अंजाम देने के लिए इसी पर आगे बढ़े। गिरफ्तार किए गए दोनों हमलावरों को वकीलों के विरोध के बीच गुरुवार को उदयपुर की एक अदालत में पेश किया गया। इस दौरान वकीलों ने उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हुए नारेबाजी की। वहीं दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एनआईए, जिसने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है, जल्द ही एक टेस्ट पहचान परेड करा सकती है।
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्याकांड को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। यही वजह है कि अजमेर समेत कई जिलों में बंद का आह्वान किया गया है। दूसरी ओर हत्याकांड के आरोपियों की ओर से केस लड़ने को वकील नहीं मिल रहे। इस बीच हत्या की साजिश रचने को लेकर दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किए गए हमलावर
इस बीच गौस मोहम्मद और रियाज को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है। दोनों को एक पुलिस बस में कोर्ट लाया गया था, इस दौरान पुलिस की सख्त सुरक्षा व्यवस्था थी। हालांकि, वकीलों ने घेरा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कमांडों ने उन्हें रोक दिया और दोनों आरोपियों को कोर्ट में ले गए। गौस मोहम्मद के पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े होने का खुलासा हुआ है।
हत्या की साजिश को लेकर दो और आरोपी अरेस्ट
उदयपुर हत्याकांड में जांच टीम ने 2 और आरोपियों को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया गया है। हत्या की साजिश रचने के मामले में उन्हें पकड़ा गया। मोहसिन और आसिफ नाम के आरोपियों गिरफ्तार किया गया है। 3 और लोगों से भी पूछताछ जारी है। इस बीच कन्हैया केस में इंजरी रिपोर्ट मिलने के बाद SIT ने आरोपियों की धाराओं में इजाफा किया है।
कन्हैयालाल हत्याकांड का आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी राजस्थान में आंतक फैलाने वाली बड़ी साजिश में शामिल है। रियाज के तार अलसूफा से जुड़े हैं। यह संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के रिमोट स्लीपर सेल के तौर पर काम करता है। रियाज पिछले पांच साल से अलसूफा के लिए राजस्थान के आठ जिलों में स्लीपर सेल बना रहा था।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रियाज 20 साल पहले अपना घर छोड़कर उदयपुर आ गया था। यहीं वह पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले ग्रुप दावत-ए-इस्लाम के संपर्क में आया। कहा जा रहा है कि रियाज की इसी ग्रुप ने शादी भी कराई। कन्हैयालाल की हत्या का दूसरा आरोपी गौस मोहम्मद को रियाज ने कुछ महीने पहले ही टीम में शामिल किया था।
दावत-ए-इस्लाम के एक मौलाना ने मोहम्मद रियाज को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान बुला लिया। लौटने के बाद रियाज और गौस धर्म के नाम पर युवाओं को उकसा रहे थे। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा और जोधपुर में बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों आरोपियों के मोबाइल से कई देशों के नंबर मिले हैं। दोनों को अरब देशों से फंडिग भी मिली थी।
सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश करने वाले का खास आदमी है रियाज बता दें कि 30 मार्च को चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा में पुलिस ने तीन आतंकियों को 12 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था। आतंकी जयपुर और अन्य जगह पर सीरियल ब्लास्ट की साजिश कर रहे थे। इन्हीं आतंकियों में टोंक निवासी मुजीब भी था, जो जेल में बंद है। इसी मुजीब का रियाज खास आदमी है। मुजीब लंबे समय से उदयपुर में गाइड का काम करता था। उसने ही राजस्थान में अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया था।
मध्यप्रदेश में हुआ था अलसूफा का गठन अलसूफा का गठन 2012 में मध्यप्रदेश के रतलाम में हुआ था। एनआईए ने 2015 में अलसूफा के सरगना अमजद सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया था। 2017 में रतलाम के तरुण सांखला हत्याकांड में जुबैर और अल्तमस सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई। जिसके बाद अलसूफा लगभग खत्म हो गया था लेकिन यह फिर से सक्रिय हो गया।
2 टिप्पणियाँ
Bahut khib
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