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इंद्र को 5 साल से थी कान की बीमारी: इंफेक्शन से कमजोर हो जाते हैं कान के पर्दे, जरा सी चोट हो सकती है जानलेवा

इंद्र को 5 साल से थी कान की बीमारी: इंफेक्शन से कमजोर हो जाते हैं कान के पर्दे, जरा सी चोट हो सकती है जानलेवा



दलित बच्चे की मौत और अनसुलझे सवाल 

राजस्थान में जालोर के सुराणा गांव में सरस्वती बाल विद्या मंदिर की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चे इंद्र मेघवाल की मौत के मामले में नया खुलासा है। बच्चे के पहले से बीमार होने की बात सामने आई है। इस मामले का सच जानने मैरी टीम दूसरे दिन जालोर जिले के सुराणा गांव के अस्पताल पहुंची और रिकॉर्ड को देखा। सामने आया कि इंद्र करीब 5 साल से कान की बीमारी क्रोनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (CSOM) से पीडित था। डंद का 2017 से 2019 तक इस अस्पताल में इलाज चला। डॉक्टर ने बताया कि CSOM ऐसी बीमारी है, जिससे कान में मवाद, सूजन, दर्द रहता है। ऐसे में तो टीचर को और संयम बरतना चाहिए था बीमारी का समय पर निदान न हो तो इंफेक्शन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि मरीज की जान भी जा सकती है।



इंद्र की MRI और CBC रिपोर्ट में भी बीमारी के संकेत : अस्पताल में इंद्र कुमार मेघवाल की MRI और CBC रिपोर्ट  मे भी एक्सपर्ट को दिखाई तो उसमें भी पुरानी बीमारी के संकेत सामने आए। MRI रिपोर्ट में भी इंन्फरैक्ट यानी खून की सप्लाई रुकना सामने आया है। एक्सपर्ट के अनुसार यह इन्फेक्टिव मेनेसाइटिस दिमाग के इंफेक्शन की वजह से होती है। इससे आंख में सूजन आ में जाती है। इंद्र कुमार की पुरानी पर्ची पर इंफेक्शन कम करने के लिए एंटी बायोटिक व पेन किलर लिखी गई थी। साथ ही कान में दवाई डालने के लिए ईयर ड्रॉप भी थी ।


31 जुलाई को जांच में बढ़ा हुआ मिला इंफेक्शन  : 20 जुलाई को हुई घटना के बाद 31 जुलाई को सुराणा के प्राइवेट क्लिनिक में भी उसकी जांच करवाई थी। इंद्र की CBC भी हुई थी उसमें WBC काउंट 29 हजार 700 आया था। यह सेप्टिसीमिया की कंडीशन होती है। आम भाषा में इसका मतलब है इंफेक्शन बढ़ जाना। 




बच्चे की मौत और कान के संबंध पर एक्सपर्ट की राय : डॉ. अनुराग ने बताया कि इसे 1 एग्जामपल और 3 पॉसिबिलिटी से समझ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई किसी को चाकू मार देता है। इसमें 3 पॉसिबिलिटी है। पहली-उस वक्त व्यक्ति की मौत हो जाए। दूसरा- चाकू लगने से खून ज्यादा बह जाए और मौत हो जाए। तीसरा- चाकू लगने के बाद प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं मिले। इंफेक्शन बढ़ता जाए और उस इंफेक्शन से मरीज की मौत हो जाए इस केस में तीसरी पॉसिबिलिटी हो सकती है।

आमतौर पर थप्पड़ से मौत नहीं होती, लेकिन थ्योरिटिकल पॉसिबलिटी है कि CSOM में थप्पड़ मारने से कान का पर्दा फट जाए तो परेशानी बढ़ने से ये मौत की वजह बन सकता है। - डॉ. अनुराग डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर



बच्चे की एक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन डिटेल पोस्टमोर्टम रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। - हर्षवर्धन अग्रवाल एसपी, जालोर

एसपी बोले- डिटेल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफएसएल से होगा खुलासा : एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि बच्चे को पहले से बीमारी होने और मटके को लेकर जांच चल रही है। बच्चे का मटके से छूना प्रमाणित नहीं हुआ है। सभी बिंदुओं को लेकर पुलिस जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।

 सभी बिंदुओं को लेकर पुलिस जांच चल रही है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। - निशांत जैन, कलेक्टर



कलेक्टर बोले- मटके की बात नहीं आई सामने : कलेक्टर निशांत जैन का कहना है कि फिलहाल मटके की बात सामने नहीं आई है। पुलिस जांच कर रही है। आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार तुरंत किया गया है।

बच्चे की मौत को लेकर 2 थ्योरी सामने आ रही..  

मटका छूआ तो टीचर ने पीटा : इंद्र की मां पवनी और उसी स्कूल में पढ़ने वाले उसके भाई नरेश का कहना है कि इंद्र ने हेड मास्टर छैल सिंह का मटका छू लिया था। इस बात से नाराज होकर छैलसिंह ने उसे पीटा, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए पहले उदयपुर और वहां से अहमदाबाद ले गए। 24 दिन इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में भी मटका छूने पर मौत का जिक्र है।

दो बच्चों की लड़ाई थी वजह : इंद्र के साथ पढ़ने वाले और उसके दोस्त राजेश ने बताया कि मैंने उससे चित्रकला की कॉपी मांगी तो उसने मना कर दिया। मैंने कहा कि टीचर से शिकायत करूंगा तो उसने झगड़ा किया। फिर टीचर ने हम दोनों को एक-एक चांटा लगाया था। उस दिन के बाद से वह स्कूल नहीं आया। ग्रामीणों और दूसरे टीचर्स का कहना है कि स्कूल में कोई मटका है ही नहीं, एक टैंक है। सब उसी से पानी पीते हैं।



भाजपा विधायक बोले- स्कूल में सवर्ण-दलित की पार्टनरशिप बीजेपी विधायक दल के सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा - जिस स्कूल में घटना हुई उस प्राइवेट स्कूल में दो पार्टनर हैं। एक राजपूत और एक मोची है। वहां के स्टाफ में आधे से ज्यादा टीचर SC-ST के हैं। मेघवाल, मोची और भील भी हैं। वहां के आधे के लगभग बच्चे SC-ST के हैं। ऐसे में जिस स्कूल में सवर्ण और दलितों के बीच पार्टनरशिप हो के और स्टाफ दलित और जनरल कास्ट का हो, वहां इस तरह का भेदभाव नहीं हो सकता।

इस पूरे मामले में अब तक क्या क्या?

  • जालोर के सुराणा गांव में सरस्वती बाल विद्या मंदिर की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चे इंद्र मेघवाल का 24 दिन से अहमदाबाद में इलाज चल रहा था। तीन दिन पहले उसकी मौत हो गई। 
  • पिता ने आरोप लगाया कि 20 जुलाई को उनके 9 साल के बेटे ने पानी की मटकी छू ली थी। इसके बाद हेडमास्टर छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी, इससे उसकी हालत गंभीर हो गई। बच्चे का पहले उदयपुर और फिर अहमदाबाद में इलाज कराया गया, लेकिन बचाया नहीं सका। 
  • छात्र की मौत के बाद पुलिस ने SC-ST एक्ट में मामला दर्ज कर छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। 
  • घटना के बाद से पूरे प्रदेश में आक्रोश बढ़ गया है | मामले को लेकर भीम आर्मी के समर्थकों ने रविवार दोपहर पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ के उग्र होते ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और एक सदस्यको सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर बारां- अटरू के कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल इस्तीफा दे चुके हैं।  
  • सोमवार को दलित सेना से जुड़े 4 नेता जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। मंगलवार को जोधपुर, दौसा, राजसमंद सहित कई जिलों में रैली निकाली गई।

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