फोटोशूट को लेकर फंसे रणवीर सिंह: कलकत्ता हाई कोर्ट में रणवीर के खिलाफ PIL दायर, मैगजीन की कॉपीज सीज करने की मांग :
एक्टर रणवीर सिंह न्यूड फोटोशूट मामले में अब मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। FIR के बाद अब रणवीर सिंह के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) यानी याचिका दायर करवाई गई है। जिसमें कोर्ट से अपील की गई है कि रणवीर की न्यूड फोटोशूट वाली 'पेपर मैगजीन' की सभी प्रिंटेड कॉपीज को सीज करने का आदेश दिया जाए।
मैगजीन की वेबसाइट को ब्लॉक करने की भी मांग की :
रणवीर सिंह के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में PIL दायर करवाते हुए याचिकाकर्ता ने कोर्ट से विनती की है कि वह पश्चिम बंगाल सरकार और इस मामले से जुड़ी सभी अथॉरिटीज को 23 जुलाई को पब्लिश हुई रणवीर सिंह के फोटोशूट वाली पेपर मैगजीन की सभी प्रिंटेड कॉपीज को सीज करने का आदेश दें। इसके साथ ही याचिका में इंटरनेशनल मैगजीन की वेबसाइट को पश्चिम बंगाल राज्य के भीतर ब्लॉक करने की भी मांग की गई है।
याचिका में रणवीर की फोटोज को अश्लील बताया :
रणवीर के खिलाफ यह याचिका एडवोकेट नाजिया इलाही खान ने करवाई है। याचिका में नाजिया ने जनता के एक बड़े तबके के ओपिनियन के आधार पर इन एक्टर की फोटोज को अश्लील बताया। इसके अलावा याचिका में यह भी दावा किया गया है कि रणवीर का फोटोशूट पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर जनता के दिमाग को गलत दिशा में धकेलता है, खासकर नाबालिगों को लिए यह बहुत ज्यादा गलत है
रणवीर के खिलाफ मुंबई में NGO ने दर्ज कराई थी FIR :
इससे पहले रणवीर सिंह के खिलाफ मुंबई के चेंबूर पुलिस स्टेशन में एक NGO के अधिकारी ललित श्याम ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया है कि रणवीर ने सोशल मीडिया पर न्यूड फोटोज शेयर कर महिलाओं की भावनाओं को आहत किया है। शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने FIR दर्ज की थी। एक्टर ने सोशल मीडिया पर अपनी कुछ न्यूड फोटोज शेयर की थीं। उन्होंने ये फोटोशूट पेपर मैगजीन के लिए कराया था।
रणवीर को हो सकती है 5 साल की सजा :
शिकायतकर्ता ने कहा था कि एक्टर ने अपनी न्यूड फोटोज से महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उनका अपमान किया है। इसलिए ट्विटर और इंस्टाग्राम से उनकी फोटो हटाई जाएं। शिकायतकर्ता ने कहा कि रणवीर को गिरफ्तार किया जाए। उनके खिलाफ IPC की धारा 509, 292, 294, आईटी एक्ट के सेक्शन 67A के तहत केस दर्ज हुआ था। NGO के वकील ने बताया कि IPC की धारा 292 के तहत 5 साल और धारा 293 के तहत 3 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं, आईटी एक्ट 67 A के तहत 5 साल की सजा हो सकती है।
पत्नी दीपिका समेत कई सेलेब्स ने किया सपोर्ट :
फोटोशूट को लेकर रणवीर जमकर ट्रोल हुए थे। कई तरह के मीम्स भी वायरल हुए थे। हालांकि, पत्नी दीपिका पादुकोण, राम गोपाल वर्मा, अर्जुन कपूर, आलिया भट्ट मसाबा गुप्ता समेत कई सेलेब्स ने इस फोटोशूट पर रणवीर को सपोर्ट किया था।
नेकेड होने से मुझे फर्क नहीं पड़ता :
रणवीर फोटोशूट को लेकर रणवीर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे लिए फिजिकली नेकेड होना बहुत आसान है। मेरी कुछ परफॉर्मेंस में मुझे नेकेड किया गया है। आप उनमें मेरी आत्मा को देख सकते हैं। कितनी नेकेड है वो ? मैं हजारों लोगों के सामने अपने सारे कपड़े उतार सकता हूं। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन वहां मौजूद लोग थोड़ा अनकम्फर्टेबल हो जाएंगे।'
रणवीर सिंह की अपकमिंग फिल्में :
रणवीर के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करें तो वे जल्द ही डायरेक्टर रोहित शेट्टी की फिल्म 'सर्कस' में जैकलीन फर्नांडिस और पूजा हेगड़े के साथ नजर आएंगे। यह फिल्म इस साल क्रिसमस के मौके पर रिलीज होगी। इसके अलावा रणवीर, आलिया भट्ट के साथ 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में दिखेंगे। इस फिल्म में शबाना आजमी, जया बच्चन और धर्मेंद्र भी लीड रोल में हैं।
क्या है IPC की धारा 509, 292, 294, आईटी एक्ट के सेक्शन 67A :
IPC सेक्शन 509 : भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के अनुसार, जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि उस स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा उस स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
लागू अपराध : किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहना या अंगविक्षेप करना।
- सजा - तीन वर्ष साधारण कारावास या आर्थिक दंड या दोनों। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
- यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित महिला (जिसकी लज्जा का अनादर या एकान्तता का अतिक्रमण हुआ है) द्वारा समझौता करने योग्य है।
IPC सेक्शन 292 : भारतीय दंड संहिता की धारा 292 के अनुसार, उपधारा (2) के प्रयोजनार्थ किसी
पुस्तक, पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र रूपण, आकॄति या अन्य
वस्तु को अश्लील समझा जाएगा यदि वह कामुक है या कामुक व्यक्तियों के लिए
रुचिकर है या उसका या (जहां उसमें दो या अधिक सुभिन्न मदें समाविष्ट हैं
वहां) उसकी किसी मद का प्रभाव, समग्र रूप से विचार करने पर, ऐसा है जो उन
व्यक्तियों को दुराचारी या भ्रष्ट बनाए जिनके द्वारा उसमें अन्तर्विष्ट या
समाविष्ट विषय का पढ़ा जाना, देखा जाना या सुना जाना सभी सुसंगत
परिस्थितियों को ध्यान में रखते हए सम्भाव्य है।
जो कोई -
(क) किसी अश्लील पुस्तक,पुस्तिका, कागज, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण या
आकॄति या किसी भी अन्य अश्लील वस्तु को, चाहे वह कुछ भी हो, बेचेगा, भाड़े
पर देगा, वितरित करेगा, लोक प्रदर्शित करेगा, या उसको किसी भी प्रकार
प्रचालित करेगा, या उसे विक्रय, भाड़े, वितरण लोक प्रदर्शन या परिचालन के
प्रयोजनों के लिए रचेगा, उत्पादित करेगा, या अपने कब्जे में रखेगा, अथवा
(ख) किसी अश्लील वस्तु का आयात या निर्यात या प्रवहण पूर्वोक्त प्रयोजनों
में से किसी प्रयोजन के लिए करेगा या यह जानते हुए, या यह विश्वास करने का
कारण रखते हुए करेगा कि ऐसी वस्तु बेची, भाड़े पर दी, वितरित या लोक
प्रदर्शित या, किसी प्रकार से परिचालित की जाएगी, अथवा
(ग) किसी ऐसे कारोबार में भाग लेगा या उससे लाभ प्राप्त करेगा, जिस कारोबार
में वह यह जानता है या यह विश्वास करने का कारण रखता है कि कोई ऐसी अश्लील
वस्तुएं पूर्वोक्त प्रयाजनों में से किसी प्रयोजन के लिए रची जातीं,
उत्पादित की जातीं, क्रय की जातीं, रखी जातीं, आयात की जातीं, निर्यात की
जातीं, पहुँचाई जातीं, लोक प्रदर्शित की जातीं या किसी भी प्रकार से
परिचालित की जाती हैं, अथवा
(घ) यह विज्ञापित करेगा या किन्हीं साधनों द्वारा वे चाहे कुछ भी हों यह
ज्ञात कराएगा कि कोई व्यक्ति किसी ऐसे कार्य में, जो इस धारा के अधीन अपराध
है, लगा हुआ है, या लगने के लिए तैयार है, या यह कि कोई ऐसी अश्लील वस्तु
किसी व्यक्ति से या किसी व्यक्ति के द्वारा प्राप्त की जा सकती है, अथवा
(ङ) किसी ऐसे कार्य को, जो इस धारा के अधीन अपराध है, करने की प्रस्थापना करेगा या करने का प्रयत्न करेगा,
प्रथम दोषसिद्धि पर उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक
बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह दो हजार रुपए तक के
आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में उसे किसी एक अवधि के लिए
कारावास जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ
ही वह पांच हजार रुपए तक के आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
लागू अपराध : अश्लील पुस्तकों आदि का विक्रय आदि करना।
सजा - प्रथम दोषसिद्धि पर दो वर्ष कारावास + दो हजार रुपए आर्थिक दण्ड,
द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर 5 वर्ष कारावास + 5 हजार रुपए
आर्थिक दण्ड। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह समझौता करने योग्य नहीं है।
अपवाद - इस धारा का विस्तार निम्नलिखित पर नहीं होगाः -
(क) कोई ऐसी पुस्तक, पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण या आकॄति -
(अ) जिसका प्रकाशन लोकहित में होने के कारण इस आधार पर न्यायोचित
साबित हो गया है कि ऐसी पुस्तक, पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र,
रूपण या आकॄति विज्ञान, साहित्य, कला या विद्या या सर्वजन सम्बन्धी अन्य
उद्देश्यों के हित में है,
(आ) जो सद्भावपूर्वक धार्मिक प्रयाजनों के लिए रखी या उपयोग में लाई जाती है;
(ख) कोई ऐसा रूपण जो -
(अ) प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (1958 का 24) के अर्थ में प्राचीन संस्मारक पर या उसमें,
(आ) किसी मंदिर पर या उसमें या मूर्तियों के प्रवहण के उपयोग में लाए
जाने वाले या किसी धार्मिक प्रयोजन के लिए रखे या उपयोग में लाए जाने वाले
किसी रथ पर तक्षित, उत्कीर्ण, रंगचित्रित या अन्यथा रूपित हों।
IPC सेक्शन 294 : भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार, जो भी कोई दूसरों को चिढ़ाने के इरादे से:
1. किसी भी सार्वजनिक जगह पर कोई भी अश्लील कार्य करता है,
2. किसी भी सार्वजनिक स्थान या उसके आस पास कोई अश्लील गाना, कथागीत या
शब्द गाता है या बोलता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन
महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
लागू अपराध :
मूल्यवान प्रतिभूति वसीयत या किसी मूल्यवान प्रतिभूति को बनाने या
हस्तांतरण करने का प्राधिकार, या कोई धन प्राप्त करने आदि के लिए कूटरचना।
सजा - तीन महीने कारावास या आर्थिक दंड या दोनों। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईटी एक्ट सेक्शन 67A : धारा 67ए में स्पष्ट यौन कृत्य वाली सामग्री को प्रकाशित करने या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान है। जस्टिस भारती डांगरे ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 67 ए के तहत ' स्पष्ट यौन कृत्य ' शब्द का अर्थ केवल संभोग का कृत्य नहीं होगा और इसमें एक नग्न वीडियो भी शामिल हो सकता है।
Written By - KR Choudhary
2 टिप्पणियाँ
Superb information
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