कन्हैयालाल के बेटे ने चप्पल-जूते पहनना छोड़ा : कहा- पिता के हत्यारों को फांसी मिलने तक नंगे पैर ही रहूंगा
उदयपुर में हुई कन्हैयालाल साहू की बेरहमी से हत्या के बेटे यश ने गुनहगारों को फांसी की सजा मिलने तक नंगे पैर ही रहेगा। यश कन्हैयालाल का बड़ा बेटा है। यश का कहना है कि 29 जून को पिता की चिता को मुखाग्नि देने के साथ ही अपने मन में एक संकल्प लिया कि जब तक हत्यारों को फांसी की सजा नहीं होगी, तब तक वह जूते- चप्पल नहीं पहनेगा।
यश ढाई महीने से नंगे पैर ही है। चिलचिलाती धूप में नंगे पैर रहकर घर से उदयपुर कलेक्ट्रेट स्थित अपने ट्रेजरी ऑफिस पहुंचते हैं। नंगे पैर ही ऑफिस में काम करने के बाद घर लौट जाते हैं। चप्पल-जूते नहीं पहनने के कारण तकलीफ का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन यश के हौसले को नहीं तोड़ पाती है
यश ने कहा- जिहादी सोच वाले लोगों ने उनके सिर से पिता का साया छीना।
गुनहगारों को जल्द सजा मिलनी चाहिए। मां, छोटा भाई और पूरा परिवार सिर्फ न्याय चाहता है। उन्होंने कहा- चप्पल पहनना मेरे लिए पिता से बढ़कर नहीं है। पिता को न्याय दिलाने के लिए और भी कोई कदम उठाना पडेगा तो वह तैयार है। जिस दिन हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी। हमें उस दिन शांति मिलेगी। जिन लोगों ने हमारे पिता की हत्या की उसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता है।
फोन पर पता चला था पिता की हत्या हो गई
यश ने 28 जून के दिन को याद करते हुए बताया कि उनके पिता हर रोज की तरह मालदास स्ट्रीट में दुकान गए थे। दोपहर बाद उनके मोबाइल पर कॉल आया कि उनके पिता की हत्या कर दी गई। आनन-फानन में घर से दुकान गए तो वहां खून सेदरअसल. 28 जून को दिनदहाड़े कन्हैया लाल साहू की निर्मम तरीके से रियाज और गौस मोहम्मद ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान हत्यारों ने इस घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उसे देखकर हर कोई सहम गया था। कन्हैयालाल अपनी दुकान पर थे। इसी दौरान आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद दुकान पर कस्टमर बनकर आए। कुर्ते का नाप देने के दौरान कन्हैया पर धारदार हथियार से गले पर हमला कर दिया। इस निर्मम हत्या के मामले की जांच एनआईए कर रही है। एनआईए की टीम ने अब तक इस हत्याकांड में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्याकांड के सभी आरोपी जेल में है।
एनआईए टीम हत्यारों को लेकर उदयपुर पहुंची
एनआईए टीम रियाज और गौस मोहम्मद के साथ अन्य आरोपियों को तस्दीक के लिए आज उदयपुर लाई। उदयपुर के एक थाने में सभी आरोपियों को रखा गया है। शनिवार सुबह एनआईए टीम तस्दीक कराएगी । इसी बीच उदयपुर शहर में पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई। धान मंडी थानाधिकारी गोपाल चंदेल के नेतृत्व में धानमंडी देलीगेट इलाकों में सख्त नाकाबंदी हुई। देलीगेट चौराहा कन्हैया लाल साहू की दुकान से करीब 2 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने एक-एक वाहन को सख्ती से चेक किया।
कन्हैयालाल हत्याकांड, सिर्फ SHO के चहेते प्रमोशन के हकदार?
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में भीम थाने के 9 पुलिसकर्मियों ने समझदारी और बहादुरी से हत्यारों को महज पांच घंटे में पकड़ लिया, पर बात जब प्रमोशन की आई तो 5 का ही नाम भेजा गया 4 पुलिसकर्मियो के योगदान को भुला दिया गया। एक बाइक पर 2 कॉन्स्टेबल ने 30 किलोमीटर तक हत्यारों का पीछा किया। प्रमोशन सिर्फ 1 को दिया गया, जो बाइक चला रहा था। पीछे बैठा जवान पुलिस की दूसरी टीम को समय-समय पर अलर्ट करता रहा, प्रमोशन की सूची में उसका नाम नहीं है।
1 पोस्ट से शुरू हुआ था विवाद, 20 दिन की साजिश
उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या एक आतंकी साजिश थी। रियाज जब्बार और गौस मोहम्मद दोनों का पाकिस्तान में कनेक्शन था। राजस्थान में दहशत फैलाने के लिए कन्हैयालाल को मोहरा बनाया गया, लेकिन यह सब कुछ प्री-प्लान्ड था। 20 दिनों में कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रची गई थी। इस विवाद की शुरुआत 8 जून को पहली पोस्ट डालने से शुरू हो गई थी। 20 दिनों में मामला पुलिस तक भी पहुंचा और कन्हैयालाल को जेल भी हुई, लेकिन अचानक 20वें दिन हत्या के बाद पूरा घटनाक्रम बदल गया। जांच की तो सामने आया कि यह आतंकी साजिश थी। मकसद था लोगों में डर और दहशत फैलाना |
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Written By - KR Choudhary
3 टिप्पणियाँ
Super
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