DGP बोले- NCRB की रिपोर्ट में गफलत : दावा - रेप के मामलों में राजस्थान 1 नंबर पर नहीं, बल्कि 7वें नंबर पर
राजस्थान रेप के मामलों में नंबर एक नहीं हैं। माइनर व मेजर बालिकाओं के आंकड़े क्लब हैं। दूसरे राज्यों के आंकड़े अलग- अलग हैं। NCRB की रिपोर्ट में यह गलती हुई है - एम. एल. लाठर डीजीपी, राजस्थान
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हाल ही में जारी रिपोर्ट में राजस्थान रेप के मामले में टॉप पर है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं। अब DGP एमएल लाठर ने इसको लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा- रेप के मामलों में राजस्थान 1 नंबर पर नहीं, बल्कि 7वें नंबर पर है।
DGP शनिवार को दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। वहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- इन आंकड़ों को समझने की जरूरत है। दो राज्यों के बीच अपराध की तुलना करना गलत है। अपराध कम होना ही चाहिए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज को अपराध मुक्त बनाएं।
दुष्कर्म मामलों में NCRB में गलती
DGP ने कहा कि रेप के मामले में राजस्थान नंबर 1 नहीं है। NCRB ने राजस्थान के आंकड़ों में माइनर व मेजर बालिकाओं से जुड़े अपराध के आंकड़ों को क्लब कर दिया है, जबकि दूसरे राज्यों में माइनर व मेजर बालिकाओं से जुड़े अपराध के आंकड़े अलग-अलग हैं। इस वजह से NCRB की रिपोर्ट में यह गलती हुई है।
पॉक्सो में मध्य प्रदेश नंबर एक पर
DGP ने कहा कि क्लासिफिकेशन का अपना-अपना तरीका होता है। उस टेबल को देखेंगे तो राजस्थान को पॉक्सो मामलों में एक नंबर दिखा रहा है। क्योंकि हमने उनको एक जगह शामिल कर रखा है। दोनों को अगर मिलाते हैं तो हम दूसरे नंबर पर आते हैं और पहले नंबर पर मध्य प्रदेश आता है। अगर हम झूठे मुकदमों को वापस कर दे तो हमारी पोजिशन 7वें नंबर पर आती है।
वर्ष 2021 में कुछ रेप केस सबसे अधिक चर्चा में रहे
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान रेप के मामलों में देश में पहले नंबर पर है। राजस्थान में साल 2021 में कुल 6,337 रेप के मामले सामने आए, जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले एक हजार ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक रेप के मामले सामने आए हैं। राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में रेप के मामले दर्ज हुए। वहां पर 2020 में 2,339 मामले थे, जबकि 2021 में ये नंबर बढ़कर 2,947 हो गए।
रेप केस के मामलों में राजस्थान 2020 से टॉप पर है। प्रदेश में पिछले 28 महीनों (2020 से अप्रैल 2022) तक दुष्कर्म के 13,890 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 दुष्कर्म नाबालिग लड़कियों से हुए। वहीं दो साल में 12 साल से छोटी उम्र की 170 बच्चियों से दरिंदगी के मामले सामने आए।
राजस्थान में रोज 17 महिलाओं-युवतियों से रेप: देश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म; तीन साल से टॉप पॉजिशन पर
महिलाओं-युवतियों के प्रति यौन अपराध के मामले में राजस्थान ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। दुनिया के नक्शे पर अलग पहचान रखने वाले प्रदेश के लिए ये आंकड़े शर्मिंदगी वाले हैं। हाल ही में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान रेप के मामले में देश में पहले नंबर पर है।
रेप के मामलों में राजस्थान ने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम को भी पीछे छोड़ दिया है। राजस्थान में साल 2021 में रेप के इतने केस दर्ज हुए हैं, जितने तीन बड़े राज्यों में मिलाकर भी दर्ज नहीं हुए।
पांच राज्य जहां सबसे अधिक रेप केस हुए दर्ज साल 2021 में राजस्थान, एमपी के बाद महाराष्ट्र, यूपी और असम में सबसे अधिक मामले दर्ज हुए। NCRB के अनुसार यूपी में 2,845 रेप केस रजिस्टर हुए। वहीं, महाराष्ट्र में 2,496 रेप केस रिपोर्ट हुए हैं। असम में 1733 जबकि दिल्ली में 1250 केस दर्ज किए गए।
रेप केस के मामलों में राजस्थान 2020 से टॉप पर है । इसके बाद से दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि राजस्थान पिछले 3 साल से महिला हिंसा के मामलों में पहले पायदान पर रहा है।
दो साल में 13 हजार से ज्यादा केस
प्रदेश में पिछले 28 महीनों (2020 से अप्रैल 2022) तक दुष्कर्म के 13,890 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 दुष्कर्म नाबालिग लड़कियों से हुए। वहीं दो साल में 12 साल से छोटी उम्र की 170 बच्चियों से दरिंदगी के मामले सामने आए।
सरकार ने ऐसे मामलों में 2013 में फांसी की सजा का प्रावधान किया। इसके बावजूद इन अतिसंवेदनशील मामलों में पॉक्सो कोर्ट का दबाव बढ़ाया जा रहा है। जयपुर की 7 पॉक्सो कोर्ट में ही 700 से अधिक केस पेंडिंग होने के बावजूद यहां बालिगों के केस ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जयपुर मेट्रो की 2 कोर्ट में ऐसे 62 केस हैं। प्रदेश में इसकी संख्या 100 से ज्यादा है।
फांसी के 8 मामलों की मौजूदा स्थिति
- बूंदी की पॉक्सो मामलों की कोर्ट ने 29 अप्रैल 2022 को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त सुल्तान और छोटू लाल को फांसी की सजा सुनाई। सजा की पुष्टि के लिए मामला हाईकोर्ट के पास है।
- जयपुर जिले की पॉक्सो कोर्ट ने साढ़े 4 साल की मासूम से रेप और मर्डर के मामले में सुरेश कुमार बलाई को 10 फरवरी 2022 को फांसी की सजा सुनाई। अभियुक्त की अपील हाईकोर्ट में लंबित है।
- झालावाड़ की पॉक्सो मामले की कोर्ट ने 7 साल की मासूम के अपहरण, दुष्कर्म और रेप मामले में अभियुक्त कोमल लोढ़ा को सितंबर 2018 में फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने 2019 में इस फांसी को उम्रकैद में बदल दिया। यह भी कहा कि कोमल के खिलाफ गलत जांच की गई।
- अलवर की पॉक्सो कोर्ट ने मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी राजकुमार को फांसी की सजा दी थी, हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया।
- झुंझुनूं की पॉक्सो कोर्ट ने 17 मार्च 2021 को 5 साल की मासूम से अपहरण और दुष्कर्म केस में अभियुक्त सुनील कुमार को फांसी की सजाई सुनाई। मामला हाईकोर्ट में लंबित |
- जोधपुर की पॉक्सो कोर्ट ने 8 साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अभियुक्त निकाराम को 27 सितंबर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी। इसी तरह नागौर की पॉक्सो कोर्ट में 7 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के केस मामले में हुई फांसी की सजा सुनाई। अन्य की तरह ये मामले भी पैंडिंग ।
लड़कियों की तस्करी में भी पीछे नहीं
राजस्थान महिला अत्याचारों के साथ तस्करी के मामले में भी ज्यादा पीछे नहीं रहा है। यहां के कुछ जिलों से लगातार नाबालिगों की तस्करी कर पड़ोसी राज्यों में बेचा जा रहा है। गुजरात से सटे 4 जिलों सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर की बच्चियां इन गैंग्स का सॉफ्ट टारगेट हैं।
यहां के कई गांवों की लड़कियों को किडनैप कर या नौकरी का लालच देकर दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं। कई महीनों तक बंधक बनाकर रखते हैं। जब तक खरीदार नहीं मिलता, दलाल इनके साथ रेप करते हैं।
ये कारण हैं केस अधिक दर्ज होने के दरअसल, राज्य सरकार ने पॉलिसी बना रखी हैं कि अगर थाने में केस दर्ज नहीं होता है तो पीड़ित एसपी कार्यालय में संपर्क कर अधिकारियों से मिले। इसके बाद एसपी कार्यालय से जीरो एफआईआर होकर थाने पहुंच जाती हैं।
राजस्थान पुलिस ने कुछ दिनों पहले एक रिकॉर्ड जारी किया है। इसमें बताया गया है कि रेप और छेड़छाड़ के दर्ज केस में जनवरी से जुलाई तक जितने केस दर्ज हुए उनमें से 48 प्रतिशत केस जांच के बाद या दौरान झूठे पाए गए थे
धारीवाल ने रेप को मर्दानगी से जोड़ा था
राजस्थान सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने करीब छह महीने पहले विधानसभा में शर्मनाक बयान दिया था। उन्होंने हंसते हुए कहा था कि यह राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश रहा है यार, उसका क्या करें?
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान को रेप में नंबर वन बताने के साथ उसके कारणों पर बेहद आपत्तिजनक बयान दे दिया। धारीवाल ने कहा- 'रेप के मामले में हम नंबर एक पर है, अब ये रेप के मामले क्यों हैं? कहीं न कहीं गलती है... हंसते हुए आगे कहा- वैसे भी यह राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश रहा है यार, उसका क्या करें'? यह कहकर धारीवाल फिर हंसे तो कई मंत्री और कांग्रेस विधायक भी हंसने लगे। किसी ने धारीवाल को टोका तक नहीं। धारीवाल बुधवार रात विधानसभा में पुलिस और जेल की अनुदान मांगों पर बहस का जवाब दे रहे थे।
धारीवाल ने कहा- रेप के मामले देखिए आप, रेप और रेप विथ मर्डर के आंकड़े अलग हैं। रेप विथ मर्डर में राजस्थान 11 वें नंबर पर है। रेप विथ मर्डर में UP नंबर वन पर है । MP दो, तीन पर असम, नंबर चार पर महाराष्ट्र, नंबर पांच पर उड़ीसा, नंबर छह पर तेलंगाना, सात पर झारखंड और आठ पर पश्चिम बंगाल हैं। राजस्थान रेप के मामले में नंबर एक पर है, इसमें कोई दो राय नहीं है। नंबर दो पर UP, तीन पर MP, पांच पर असम और नंबर छह पर हरियाणा है। बीजेपी ने इसे लेकर जो गलत फिगर दिए उन्हें सुधार दिया है।
गहलोत बोले- रेप मर्डर की वजह फांसी की सजा : कहा- रेपिस्ट को लगता है लड़की गवाह बन जाएगी, इसलिए मार डालते हैं
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि निर्भया कांड के बाद जब से यह किया गया कि रेपिस्ट को फांसी की सजा मिलेगी, उसके बाद बच्चियों की रेप के बाद हत्याएं बहुत बढ़ रही हैं। रेप करने वाला देखता है कि कल यह मेरे खिलाफ गवाह बन जाएगी तो हत्या कर देता है। गहलोत शुक्रवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
हर साल 2000 बच्चियों से रेप
राजस्थान में हर साल करीब 2000 बच्चियों से रेप हो रहे हैं। जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक नाबालिग बच्चियों से रेप के 4091 (पॉक्सो एक्ट) केस दर्ज हुए हैं। वहीं, दो साल में महिलाओं से रेप के कुल 11,368 केस दर्ज हुए हैं। दो साल में 26 मामले ऐसे हैं, जिनमें रेप के बाद हत्या कर दी गई।
BJP राज में बना था फांसी की सजा का कानून
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में नाबालिग से रेप करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान करने का कानून बनाया था। सीएम गहलोत ने नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा करने के प्रावधान के बाद बच्च्यिों की हत्या करने के मामले बढ़ने का बयान दिया है, यह बात पहले भी कई नेता उठा चुके हैं ।
2 टिप्पणियाँ
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