हिन्दू देवी देवताओ पर अभद्र टिप्पणी और ब्राह्मण समाज पर कटाक्ष भरी टिप्पणी
RAS का वॉट्सऐप मैसेज- हनुमानजी बंदर, देवताओं को बताया रेपिस्ट: भगवान कृष्ण पर टिप्पणी; हर लाइन में ब्राह्मण समाज पर कटाक्ष
RAS OFFICIALS GROUP... ये RAS ऐसोसिएशन काऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप है, जिसमें प्रदेश के 511 RAS जुड़े हुए हैं ।
गुरुवार रात 10:06 बजे इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के जॉइंट सेक्रेटरी केसरलाल मीणा ने इस ग्रुप पर एक विवादित मैसेज फॉरवर्ड कर दिया।
मैसेज में हनुमानजी को बंदर लिखा गया है। देवी-देवताओं को रेपिस्ट बताया है। इसके अलावा मैसेज में भगवान कृष्ण, विष्णु और सीताजी सहित कई आराध्यों को लेकर टिप्पणी की गई है।
गुरुवार रात जॉइंट सेक्रेटरी केसरलाल मीणा ने जैसे ही 574 शब्दों का ये मैसेज फॉरवर्ड किया, ग्रुप में मौजूद दूसरे RAS अधिकारी चौंक गए। एक के बाद एक कई अफसर 20 मिनट तक मैसेज के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जताते रहै ।
कुछ ने संविधान की याद दिलाते हुए प्रशासनिक सेवा से जुड़े अफसर को ऐसा बर्ताव नहीं करने की नसीहत भी दी। हंगामा बढ़ता देख रात 10:26 बजे केसरलाल ने मैसेज डिलीट कर ग्रुप पर लिखा, 'सॉरी, गलती से फारवर्ड हो गया'। यह लिखने के बाद केसरलाल एसोसिएशन के ग्रुप से लेफ्ट हो गए।
अब विस्तार से पढ़िए 574 शब्दों के उस मैसेज में लिखा क्या था...
मैसेज के आखिर में लिखा था...
ऐसे और भी हजारों तथ्य हैं जिन्हें ब्राह्मणों ने हमें मानने पर मजबूर किया और हमने चाहे न चाहे मान लिया.....आखिर क्यों...?
क्योंकि तुमने हमारे सोचने समझने जानने की ताकत (शिक्षा) तर्क, बुद्धि और विज्ञान छीन कर हमें अंधा बनाकर अपाहिज बना दिया था....
पर आज हमारी आंखें खुल चुकी हैं, हमारे पास आज ताकत है फुले, साहू, पेरियार अम्बेडकरी विचारधारा और सिद्धांतों के कलम की ताकत की, जिसमें स्याही भरी है, इन्हीं महापुरुषों के तर्क, बुद्धि, विवेक और विज्ञान की और आज हमारे पास ताकत है महामानव बोधिसत्व बाबासाहब डा. भीमराव अंबेडकर के संविधान की, जिसमें अपार क्षमता है महाकारुणिक तथागत बुद्ध के प्राकृतिक विज्ञान की।
मंत्र, जाप और चमत्कार को बताया शक्तिशाली पाखंडी विज्ञान
इसलिए आज मैं इन काल्पनिकताओं को मानने के बजाय जानना चाहता हूं इन सभी का सच और पूछना चाहता हूं एक मात्र तार्किक सवाल....कि आज तक जो ब्राह्मणों ने हमें बताया, आखिर वह सब होता कैसे था... और वह सब आज क्यों नहीं कर पा रहे हो।
क्योंकि आज तो हर क्षेत्र में ऐसे शक्तिशाली पाखंडी विज्ञान की जरूरत है तो फिर करिए न मंत्र जाप और दिखाइए न ऐसे चमत्कार जो बड़े-बड़े ग्रंथो में ठूंस ठूंस कर भरे हुए हैं। हिम्मत है तो निकालिए न उन्हें बाहर...
पहले बोले- दूसरे ग्रुप पर भेज रहा था, फिर कहा- डिलीट कर रहा था
इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के ज्वाइंट सेकेट्ररी केसरलाल मीणा का पक्ष जानने के लिए भास्कर ने उनसे बात की। केसरलाल ने बताया- मेरे पास यह मैसेज मेरे गांव के वॉट्सऐप ग्रुप पर आया था। मैं इसे दूसरे ग्रुप पर भेज रहा था, लेकिन गलती से यह आरएएस एसोसिएशन वाले ग्रुप पर चला गया ।
जब उनसे कहा कि आप इस तरह के मैसेज किसी भी व्यक्ति को फॉरवर्ड नहीं कर सकते तो उन्होंने अपनी बात बदलते हुए कहा- मैं भेज नहीं रहा था, डिलीट कर रहा था, लेकिन गलती से शेयर हो गया। बाद में मैंने इसे डिलीट कर दिया।
इस वॉट्सऐप ग्रुप में 511 आरएएस अफसर
एसोसिएशन के इस ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप में अध्यक्ष व पदाधिकारियों समेत 511 आरएएस अफसर जुड़े हैं। ये मैसेज देखकर दूसरे कई अफसरों ने नाराजगी जताई।
कई अफसरों ने केसरलाल मीणा को ग्रुप पर ही भला-बुरा सुना दिया। कई अफसरों ने फोन करके भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
एक अफसर ने लिखा- 'माननीय केसरलाल जी, हमें पता है आपके मन में विभिन्न जातियों के लिए जहर भरा पड़ा है...'
किसी अफसर ने ले लिया स्क्रीनशॉट
एक महिला RAS ने लिखा- प्रथम अवतार मत्स्य ही हुए हैं भाई, अब क्यों लड़ना? अवतारवाद में सबको स्थान मिला है।
विवाद बढ़ने के बाद केसरलाल मीणा ने मैसेज किया-
गलती से फॉरवर्ड हो गया, इस मैसेज को टैग करते हुए एक दूसरे RAS ने लिखा- आज आपने बहुत बड़ा तथ्य उजागर कर दिया है, परंतु कई लोग अब भी ऐसी बातें मान रहे हैं, उनका क्या करें!!!
केसरलाल मीणा ने सॉरी का मैसेज किया, जिसे टैग करते हुए उन्हीं RAS ने दोबारा लिखा- हुकुम अब क्या हो सकता है, यहां सेकेंड्स में पानी मुल्तान पहुंचा दिया जाता है। यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है।
(विवाद बढ़ने पर केसरलाल ने मैसेज डिलीट कर दिया, लेकिन इससे पहले ग्रुप में शामिल किसी अफसर ने उसका स्क्रीनशॉट ले लिया था । )
चलिए आइये जानते अब ऐसे कुकृत्य की हमारे संविधान में क्या सजा का प्रावधान दिया गया है -
गैर जमानती अपराध, 3 साल तक की सजा हो सकती है
धारा 153A आईपीसी की इस धारा में उन लोगों को दंडित करने का प्रावधान है, जो अपने स्वार्थों के लिए धर्म, जाति, भाषा या किसी भी प्रकार से समाज में विवाद पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को 3 साल तक की कैद हो सकती है।
धारा 295 A: किसी धर्म या देवताओं को अपमानित करने पर इस धारा के तहत दंडित किया जा सकता है। इसमें भी 3 साल तक की सजा का प्रावधान है।
जब कोई प्रशासनिक अधिकारी ही कानून व्यवस्था बिगाड़ेगा तब लोग क्या करेंगे ऐसी अभद्र टिप्पणी करके उन्होंने अपनी कुत्सित मानसिकता बता दी |
क्या उस RAS अधिकारी को सजा होगी या वो अधिकारी है इसीलिए बच जायेगा
इस बारे में आप सभी को सोचने चाहिए की अगर ऐसे लोगो को सजा नहीं मिली तो ऐसे मामले ओर भी आयेंगे
समाज में एक उदाहरण के लिए सजा तो मिलनी चाहिए ताकि आगे कोई ऐसा करने से पहले सोचे
2 टिप्पणियाँ
Super
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